केंद्र सरकार ने मंजूरी दी तो सुप्रीम कोर्ट में जल्द होंगे 34 न्यायाधीश, भविष्य में देश के प्रधान न्यायाधीश बन सकते हैं जस्टिस पारदीवाला
केंद्र सरकार ने मंजूरी दी तो सुप्रीम कोर्ट में जल्द होंगे 34 न्यायाधीश, भविष्य में देश के प्रधान न्य
नई दिल्ली. जल्द ही सुप्रीम कोर्ट को दो और जज मिलने वाले हैं. देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने गुरुवार को दो उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की है. सरकार की ओर से इसकी मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति होगी. हाईकोर्ट के जिन न्यायाधीशों को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट के लिए सिफारिश किया हैं उनमें गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Sudhanshu Dhulia) और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जमशेद बुर्जोर परदीवाला (Jamshed Burjor Pardiwala)शामिल हैं. अब ये सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34
सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 34 है. लेकिन कई बार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों ने इसकी संख्या बढ़ाने के लिए सरकार से गुजारिश की है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भी कई मौके पर कहा है कि देश में लंबित पड़े मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बहुत कम है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाई जाए. क्योंकि कई देशों में सर्वोच्च न्यायालय में जजों की अधिकतम आयु सीमा काफी है. सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में कोलेजियम करती है. कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट में भी जजों की कमी पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट के लिए 54 नामों की सिफारिश सरकार के पास भेजी जा चुकी है लेकिन निर्णय लंबित है.
तीन महीने में बदलेंगे तीन चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर होंगे. उसके बाद जस्टिस उदय यू. ललित मुख्य न्यायाधीश बनेंगे लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ दो ही महीने का रहेगा. इसके बाद 8 नवंबर को जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. वे करीब दो साल तक चीफ जस्टिस रहेंगे. इस तरह देखा जाए तो 76 दिनों के अंतराल पर देश को तीन चीफ जस्टिस देखने को मिलेंगे. वहीं अगर देश की अदालतों में लंबित मामलों की बात करें तो जिला और निचली अदालतों में 4 करोड़ 9 लाख 85 हजार मामले लंबित है. इनमें से कई मामले 30-30 साल पुराने हैं. वहीं विभिन्न हाईकोर्टों में करीब 58 लाख मामले लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में भी 70 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं.